लखनऊ: राजधानी लखनऊ में फाइलेरिया से बचाव के लिए 10 फरवरी से सामूहिक दवा सेवन कार्यक्रम (एमडीए राउंड) 10 दिन तक चलाया जाएगा। इसी क्रम में तैयारियों को लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में मंगलवार को समीक्षा बैठक हुई।
बैठक में मलेरिया एवं वेक्टर जनित बीमारियों के अपर निदेशक डा. वी. पी.सिंह ने कहा कि इस बार जनपद में एमडीए कार्यक्रम के तहत तीन दवायेँ आइवरमेक्टिन, डाईइथाइल कार्बामजीन और एल्बेंडाजोल (आईडीए) खिलाई जायेंगी।
पहली बार इस अभियान में एक से दो साल के बच्चों को पेट से कीड़े निकालने की दवा एल्बेंडाजोल की आधी गोली खिलायी जायेगी। दो साल से कम आयु के बच्चों, गर्भवती और अति गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को इस दवा का सेवन नहीं करना है।
उन्होंने कहा कि इस बात के लिए समुदाय को जागरुक करें कि फाइलेरियारोधी दवा का सेवन ही इसका उपचार है। इसके अलावा लोगों को यह भी बताएं जिन व्यक्तियों में फाइलेरिया के कीटाणु रहते हैं उन्हें दवा के सेवन के बाद चक्कर आना, जी मिचलाना, उल्टी आना, हल्का बुखार आना आदि समस्याएँ हो सकती हैं लेकिन इससे घबराना नहीं चाहिए। वह थोड़ी देर बाद स्वतः ही ठीक हो जाएगा। इसलिए दवा का सेवन जरूर करें।
उन्होंने कहा कि सामुदायिक प्रतिभागिता बढ़ाने को इस कार्यक्रम का शुभारम्भ विधायक/सभासद/ग्राम प्रधान/कोटेदार द्वारा दवा खुद खाकर और दूसरों को खिलाकर किया जाये। एमडीए कार्यक्रम की निगरानी जिला और ब्लॉक स्तर पर की जाएगी।
सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर दवा खिलाने के लिए बूथ बनाए जायेंगे ताकि वहां पर आने वाले मरीजों को और उनके तीमारदारों को फाइलेरिया की दवा खिलायी जा सके। अभियान के दौरान स्वास्थ्य कार्यकर्ता अपने सामने फाइलेरिया की दवा खिलाएंगे, किसी को भी खाली पेट दवा नहीं खानी है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. मनोज अग्रवाल ने बैठक में उपस्थित स्वास्थ्य अधिकारियों से कहा कि फाइलेरिया उन्मूलन राष्ट्रीय महत्व का कार्यक्रम है और इसे पूरी तरह से सफल बनाना हमारी प्राथमिकता है। सामूहिक दवा सेवन कार्यक्रम के तहत दवाओं को खिलाने के लिए हमारे पास पर्याप्त स्वास्थ्य कार्यकर्ता हैं। स्कूल /कॉलेज में भी एमडीए कार्यक्रम का व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए ताकि छात्र छात्राओं के अभिभावकों को भी जानकारी हो और वह आसानी से दवा का सेवन करें।
इस मौके पर जिला मलेरिया अधिकारी डा. रितु श्रीवास्तव, जिला एपिडेमियोलॉजिस्ट डा. शेखर मिश्रा, सहायक मलेरिया अधिकारी सुषमा पांडे, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के अधीक्षक, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के समन्वयक सुधीर वर्मा, विश्व स्वास्थ्य संगठन, सीफॉर, पीसीआई व पाथ के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।