बरेली के गांव गौसगंज बवाल का मुख्य आरोपी बख्तावर के दोनों फरार बेटों पर 25-25 हजार का इनाम घोषित
बरेली के थाना शाही के गांव गौसगंज में हुए बवाल के बचे 45 आरोपियों की पुलिस तलाश कर रही है। पुलिस अब तक 35 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। मुख्य साजिशकर्ता बख्तावर के दोनों बेटों पर एसएसपी ने 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया है।
गांव गौसगंज में 19 जुलाई की रात एक समुदाय के लोगों ने दूसरे समुदाय के घरों पर पथराव किया था। दरअसल, इस विवाद की नींव 16 जुलाई को ही पड़ गई थी जब गांव में ताजिया निकालने के दौरान जुलूस का रुख दूसरे समुदाय की बस्ती की ओर मोड़ दिया गया था। तब लोगों ने अपने धर्मस्थल के पास ताजिया रखने और ढोल बजाने से मना किया था।
इसी विवाद में तीन दिन बाद हुए हमले में पूर्व प्रधान हीरालाल के बेटे तेजपाल उर्फ तेजराम घायल हो गए थे, जिनकी रविवार रात मौत हो गई थी। सोमवार को तेजपाल के अंतिम संस्कार के दौरान ग्रामीणों का विरोध देखकर बुलडोजर से नौ लोगों के घर आंशिक रूप से तोड़े गए थे।गांव में नेतागिरी करने वाले पीआरडी जवान बख्तावर को लेकर दूसरे पक्ष के ग्रामीणों में ज्यादा नाराजगी थी। पुलिस ने बख्तावर को उसी दिन गिरफ्तार कर लिया था। उसके घरवाले घर बंद करके फरार हो गए हैं। सोमवार को बख्तावर का घर तोड़ दिया गया। अब एसएसपी अनुराग आर्य ने बख्तावर के बेटे इशरफ उर्फ अशरफ और आसिद पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया है। गांव वालों ने बताया
बख्तावर की तरह उसके बेटे भी खुराफाती किस्म के हैं। मौके पर लगे सीसीटीवी कैमरे की पुलिस ने जांच की तो घटना के दौरान अशरफ और आसिद तेजपाल को उठाकर धर्मस्थल की ओर ले जाते दिखे। वहां उसकी डंडों से पिटाई की थी। इसके बाद वे मौके से फरार हो गए थे। बख्तावर का तीसरा बेटा भी फरार है, जिसके खिलाफ पहले से भी कुछ मुकदमे दर्ज हैं। बरेली एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि गौसगंज में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने में बख्तावर और उसके बेटों की भूमिका सामने आई थी। उसके दोनों बेटों पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है। बाकी आरोपियों की भी तलाश चल रही है। इनके गैरजमानती वारंट जारी कराने के लिए भी कोर्ट से अनुरोध किया जाएगा।
गौसगंज में दूसरे दिन मंगलवार को बुलडोजर नहीं चलने से ग्रामीणों में नाराजगी जाहिर की है। अब भी एक धर्मस्थल समेत पांच और घरों पर अतिक्रमण के लाल निशान लगे हैं। अधिकारियों ने यहां मंगलवार को तोड़फोड़ करने का आश्वासन दिया था, पर कुछ हो नहीं सका। फिलहाल, गांव में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस व पीएसी तैनात हैं। लेकिन गांव वालों का कहना है पुलिस ने उचित कार्रवाई नहीं की जिन लोगों के घरों पर लाल निशानी लगे हैं घरों को क्यों नहीं तोड़ा जा रहा है धार्मिक स्थल अवैध है जो ग्राम समाज की जमीन पर बना उस पर क्यों नहीं बुलडोजर चल रहा है । इस पर प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया
अवैध धर्मस्थल की रिपोर्ट डीएम को भेजी
राजस्व विभाग की टीम ने गांव में बिना अनुमति बन रहे धर्मस्थल की रिपोर्ट भी डीएम को भेज दी है। राजस्व टीम की पैमाइश में रास्ते को कब्जा करके ढांचा बनाने का मामला सामने आया है। ग्रामीणों ने एसडीएम मीरगंज तृप्ति गुप्ता को बताया कि कई आरोपियों ने कब्जा कर रखा है। एसडीएम का कहना है कि परती भूमि को नापकर अतिक्रमण वाली भूमि को चिह्नित कर रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। उसके बाद अगले की कार्रवाई की जाएगी।