बरेली के थाना शाही के ग्राम गौसगंज में हुए बवाल में घायल तेजराम की मौत, बख्तावर समेत 10 आरोपियों के घरों पर चला बुलडोजर
बरेली के थाना शाही के गांव गौसगंज में पुलिस प्रशासन ने बुलडोजर से कार्रवाई की है। सोमवार को सबसे पहले आरोपी इरशाद के घर पर बुलडोजर चला। इसके अवैध निर्माण को गिरा दिया गया। इसके बाद आरोपी पीआरडी जवान बख्तावर का घर गिराया गया। आठ अन्य आरोपियों के घरों पर भी कार्रवाई हुई। इसके बाद धर्मस्थल पर आकर बुलडोजर रुक गया। धर्मस्थल पर भी लाल निशान लगाया गया है।
19 जुलाई की रात एक समुदाय के लोगों ने दूसरे समुदाय के घरों पर पथराव कर दिया था। लाठी डंडे भी खूब चलाये थे। जिसमें पूर्व प्रधान हीरालाल के बेटे तेजराम समेत कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। तेजराम का बरेली के निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। जिसमें तेजराम की मौत हो गई। सोमवार को सुबह शव पोस्टमार्टम हाउस पर भेजा गया दोपहर बाद शव गांव लाकर अंतिम संस्कार को ले जाया जा रहा था कि ग्रामीणों ने शव शमशान से पहले रख दिया और दोषियों पर कार्रवाई के बाद अंतिम संस्कार करने की बात कही। गांव में मौजूद एसपी साउथ और मीरगंज एसडीएम ने बुलडोजर पहले ही मंगवा रखा था। इसके साथ ही ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू कर दी गई। जिसमें 10 आरोपियों के घरों पर चला बुलडोजर से कार्रवाई की गई। सबसे पहले
आरोपी इरशाद और बख्तावर के घरों पर बुलडोजर से ध्वस्तीकरण की कार्रवाई हुई। इसके बाद परिजन शव का अंतिम संस्कार करने के लिए तैयार हुए। श्मशान पर अंत्येष्टि की क्रिया शुरू की गई, लेकिन जैसे ही खबर मिली कि बुलडोजर रोक दिया गया तो परिजनों ने भी अंतिम संस्कार रोक दिया। इसके बाद फिर कार्रवाई शुरू हुई। आठ आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चला, तब शाम करीब साढ़े पांच बजे परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार किया। आरोपी इरशाद और बख्तावर समेत आरिफ, गाबू हसन, कादिर अली, अनीस, हसीन, रियासत समेत 10 आरोपियों के घरों पर कार्रवाई हुई है।
आरोप है कि इरशाद और बख्तावर दोनों ने भीड़ को उकसाकर पथराव कराया था। इसलिए इन पर कार्रवाई पहले की गई थी। उधर, मृतक के पिता हीरालाल ने बताया कि तेजराम शादीशुदा था और घटना के वक्त वह लोगों को झगड़ा न करने के लिए समझाने गया था। तेजराम की मौत के बाद गांव में तनाव के चलते पुलिस लगा दी गई है।
गौसगंज गांव में 17 जुलाई को विवाद शुरू हुआ था। मुहर्रम पर गांव में ताजिया घुमाया जा रहा था। तब एक समुदाय के लोगों ने ताजिया दूसरे समुदाय की बस्ती में ऐसी जगह रख दिया, जहां पहले कभी नहीं रखा गया। लोगों ने नई परंपरा बताकर ऐतराज जताया तो दूसरे पक्ष के लोग रंजिश मान बैठे
तोड़फोड़ बलवे के मामले में पुलिस ने 50 नामजद समेत 65 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है। इसके अलावा एसओ अमित कुमार ने 75 आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। आरोपियों से 33 आरोपियों को शनिवार को जेल भेज दिया गया था। शाही पुलिस ने दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया। एक आरोपी आलमगीर को गोली लगी है। इन दोनों को भी जेल भेज दिया गया। पुलिस अधिकारियों ने दो समुदायों के विवाद की जांच में प्रारंभिक तौर पर ताजिया घुमाने के दौरान पुलिस की लापरवाही सामने आई है। एसएसपी ने मामले में जांच कराने के बाद सिपाही नफीस अहमद को निलंबित कर दिया। वहीं दरोगा राधाकृष्ण, हेड कांस्टेबल राजवीर सिंह, सिपाही सुहेल अहमद और गुलफाम को लाइन हाजिर कर दिया। गौसगंज गांव में पीएसी तैनात कर दी गई जिससे कानून व्यवस्था बनी रहे सभी प्रशासन अधिकारियों की स्थिति पर नजर बनी हुई है।