राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बोलीं कोविड 19 से भारत की अर्थव्यवस्था को भी काफी नुकसान हुआ फिर भी |
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा कि विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए हमें प्राचीन परम्पराओं को नई दृष्टि से देखना होगा
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 74 वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर बुधवार 25 जनवरी को राष्ट्र को संबोधित किया. उन्होंने अपने संबोधन की शुरूआत देशवासियों को गणतंत्र दिवस की बधाई देने के साथ की. राष्ट्रपति ने कहा कि चौहत्तरवें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर, देश और विदेश में रहने वाले आप सभी भारत के लोगों को, मैं हार्दिक बधाई देती हूं. जब हम गणतंत्र दिवस मनाते हैं, तब एक राष्ट्र के रूप में हमने मिल-जुल कर जो उपलब्धियां प्राप्त की हैं, उनका हम उत्सव मनाते हैं
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि हर नागरिक को गौरव गाथा पर गर्व है. हम सब एक ही हैं, और हम सभी भारतीय हैं. इतने सारे पंथों और इतनी सारी भाषाओं ने हमें विभाजित नहीं किया है बल्कि हमें जोड़ा है. इसलिए हम एक लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में सफल हुए हैं. यही भारत का सार-तत्व है.