डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, अयोध्या से जुड़ा मामला है। मामला यह है कि विश्वविद्यालय के विज्ञापन संख्या- HCA/2021/AS-1-E द्वारा सहायक प्रोफेसर(EWS), इतिहास, संस्कृति एवं पुरात्तव विभाग के पदों डॉ. प्रीति सिंह ने EWS का गलत लाभ लिया है इसी के संबध में चमन सिंह ने अध्यक्ष कार्यपरिषद/कुलपति, अवध विश्वविद्यालय से सही ढंग से जांच कराने की मांग की है।
विश्वविद्यालय द्वारा जारी विज्ञापन में सहायक प्रोफेसर, संस्कृति एवं पुरात्तव विभाग की नियुक्ति हेतु 10 जनवरी 2022 को लिखित परीक्षा के उपरांत 11 अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में शामिल कराया गया था। साक्षात्कार में सफल अभ्यर्थियों की सूची में प्रथम स्थान पर डॉ. प्रीति सिंह का नाम अंकित था। सूचना के मुताबिक डॉ. सिंह ने नेट जे0आर0एफ परीक्षा में भी विकलॉग कोटे से उत्तीर्ण की है जबकि डॉ. प्रीति कहीं से भी विकलॉग नहीं है।
डॉ. प्रीति सिंह पर आरोप है कि, गलत तथ्यों को छिपाकर एवं गुमराह करके आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग(EWS) का प्रमाण पत्र लगाकर अपना आवेदन किया है। बता दें कि डॉ. प्रीति के पिता सुरेन्द्र नाथ सिंह अमर शहीद भगत सिंह इण्टर कालेज, रसड़ा, बलिया में प्रवक्ता के पद पर कार्यरत है। मौजूदा समय में सुरेन्द्र सिंह का कुल वेतन 1,10,044 रुपए है, और वहीं डॉ. प्रीति की मां गीता सिंह उच्च प्राथमिक विद्यालय कम्पोजिट, रसड़ा में कार्यरत है। इस प्रकार EWS कोटे का प्रमाण पत्र बनाने हेतु परिवार की वार्षिक आय रु0 8.00 लाख से लगभग तीन गुना है तो उनका प्रमाण पत्र विधि विरुद्ध निर्गत किया गया है।