इस समय रेपो रेट (Repo Rate) की दर 4 फीसदी पर है और रिवर्स रेपो रेट (reserve repo rate) 3.35 फीसदी पर बनी हुई है. रेपो दरें अप्रैल 2001 के बाद से सबसे निचले स्तर चार प्रतिशत पर हैं. रिवर्स रेपो उसे कहते हैं, जिसके तहत बैंक अपनी ज्यादा नकदी को रिजर्व बैंक के पास जमा कराते हैं. इस पर रिजर्व बैंक उन्हें ब्याज देता है. रेपो रेट उसे कहते हैं जिस दर पर रिजर्व बैंक से दूसरे बैंक कर्ज लेते हैं.
RBI Monetary Policy Committee: रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति- मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) की तीन दिवसीय बैठक आज से शुरू हो रही है. बैठक के अंतिम दिन बुधवार को आरबीआई मौद्रिक नीति समीक्षा के नतीजे जारी किए जाएंगे. इस दिन नई क्रेडिट पॉलिसी का ऐलान किया जाएगा. इसमें ब्याज दरों में कोई बदलाव न होने की उम्मीद जताई जा रही है.
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास के नेतृत्व में होने जा रही एमपीसी की बैठक में नीतिगत दरों में बदलाव करने समेत कई आर्थिक फैसलों की समीक्षा की जाएगी. केंद्र सरकार ने रिजर्व बैंक से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) पर आधारित खुदरा महंगाई दर चार फीसदी पर बनी रहे जिसमें दो फीसदी उतार-चढ़ाव की गुंजाइश है.
ब्याज दरों में बदलाव नहीं
जानकार बताते हैं कि आरबीआई ब्याज दरों को वर्तमान स्थिर पर ही रखेगा. बताया जा रहा है कि देश में कोरोना के नए वेरिएंट ऑमिक्रॉन (Omicron) के बढ़ते मामलों के चलते माना जा रहा है कि आरबीआई दरों में कोई बदलाव नहीं करेगा. हालांकि कुछ जानकार मान रहे हैं कि रिजर्व बैंक की 6 सदस्यीय एमपीसी रिवर्स रेपो रेट में बदलाव कर सकती है.
भारतीय रिजर्व बैंक ने आखिरी बार पिछले साल 22 मई को नीतिगत दरों में बदलाव किया था. तब से अब तक 8 बार मौद्रित नीति समीक्षा हो चुकी है, लेकिन आरबीआई ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है.
अक्टूबर में हुई पिछली बैठक में मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी ने वित्त वर्ष 2021 के लिए GDP की ग्रोथ रेट के अनुमान को 9.5 फीसदी पर बरकरार रखा था.
होम लोन होंगे सस्ते
प्रॉपर्टी कंसल्टेंट कंपनी एनारॉक (Anarock) ने भी कहा है कि आरबीआई रिवर्स रेपो रेट में वृद्धि का फैसला मौजूदा हालात में शायद न करे. एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा, ”ऐसी स्थिति में घर खरीदारों को सस्ती दरों पर होम लोन मिलना कुछ और समय तक जारी रहेगा.”
रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट की वर्तमान दर
इस समय रेपो रेट (Repo Rate) की दर 4 फीसदी पर है और रिवर्स रेपो रेट (reserve repo rate) 3.35 फीसदी पर बनी हुई है. रेपो दरें अप्रैल 2001 के बाद से सबसे निचले स्तर चार प्रतिशत पर हैं और रिवर्स रेपो दरें 3.35 प्रतिशत हैं. रिवर्स रेपो उसे कहते हैं, जिसके तहत बैंक अपनी ज्यादा नकदी को रिजर्व बैंक के पास जमा कराते हैं. इस पर रिजर्व बैंक उन्हें ब्याज देता है. रेपो रेट उसे कहते हैं जिस दर पर रिजर्व बैंक से दूसरे बैंक कर्ज लेते हैं.