श्रीरामचरितमानस के प्रकाशन एवं पूजारियों के प्रशिक्षण के लिए संस्कृति संज्ञान संस्था द्वारा की गई महत्वपूर्ण पहल
नोएडा, उत्तर प्रदेश: संस्कृति संज्ञान संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ प्रदीप कुमार सिंघल ने हाल ही में श्रीमती पंकजा अमर सिंह, उद्योगपति एवं समाजसेवी स्वर्गीय श्री अमर सिंह जी की पत्नी से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान, उन्होंने संस्था द्वारा प्रकाशित की गई स्मारिका "पीयूष मंजरी" और "प्रमुख हिंदू देवता (प्रतिमा और प्रतीक)" को श्री ब्रह्म अग्रवाल जी के सहयोग से सौंपी। इसके साथ ही, उन्होंने श्रीरामचरितमानस की एक कॉपी को भी भेंट की, और श्रीरामचरितमानस का नित्य पाठ करने का संकल्प लिया।
संस्था के उद्देश्यों के बारे में बात करते हुए, डॉ प्रदीप कुमार सिंघल ने बताया कि संस्था का मुख्य लक्ष्य है कि 31 दिसंबर 2030 तक हर घर में श्री रामचरितमानस का पाठ हो। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए, संस्था द्वारा दो महत्वपूर्ण पहल की जा रही हैं।
पहली पहल "रामचरितमानस के मोती" शीर्षक से एक स्मारिका या पुस्तक का प्रकाशन है, जो तुलसी मानस को व्यवहारिक बनाने के लिए आधारित होगी। संस्था का उद्देश्य है कि वे इस स्मारिका के माध्यम से कम से कम 25000 प्रतिलिपि वितरित करें।
दूसरी पहल में, संस्था ने अब तक 45 से अधिक कार्यक्रम आयोजित किए हैं। इन कार्यक्रमों में से एक कार्य है पुजारियों को उनके कर्मकांड में प्रशिक्षित करना। इसके लिए, संस्था ने राष्ट्रीय कौशल विकास परिषद की मदद से इन पुजारियों को भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त प्रमाणपत्र दिलाने की योजना बनाई है। इससे पुजारियों का मान-सम्मान बढ़ेगा और उनकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा। नेशनल काउंसिल ऑफ वोकेशनल ट्रेनिंग एंड एजुकेशन द्वारा इसका 300 घंटे या 120 घंटे का कोर्स तैयार किया जा रहा है, जिसका आयोजन आगामी एक से डेढ़ महीने में होगा।