लखनऊ। 18 नवम्बर
एनक्यूएएस प्रमाण पत्र मिलने पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने दी बधाई, अन्य अस्पतालों को भी किया प्रेरित
यूपी के चार अस्पतालों को राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। इसमें बाराबंकी, झांसी, अलीगढ़ और ललितपुर जिले के अस्पताल शामिल हैं। रोगियों को बेहतर व आसानी से सुविधाएं उपलब्ध कराने में चारों अस्पताल अव्वल साबित हुए हैं। नेशनल क्वॉलिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेट (एनक्यूएएस) प्राप्त करने पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने चिकित्सालयों को बधाई दी है। दूसरे चिकित्सालयों को भी प्रेरित होकर इस दिशा में काम करने को कहा है।
भारत सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमली वेलफेयर की तरफ से सरकारी चिकित्सालयों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार का आयोजन किया गया था। इसमें देश भर के चिकित्सालयों को शामिल किया गया। अलीगढ़ के पंडित दीन दयाल जिला संयुक्त चिकित्सालय को एनक्यूएएस कार्यक्रम के तहत गुणवत्ता प्रमाण प्रदान किया गया। यहां के पांच विभाग इमरजेंसी, आईपीडी, ओटी, रेडियोलॉजी एवं सामान्य प्रशासन को इस सूची में शामिल किया है। यह पुरस्कार एक साल के लिए है।
इन मानकों पर परखा
विशेषज्ञों की टीमों ने कई मानकों की कसौटी पर चिकित्सालयों की व्यवस्था परखी। चिकित्सालयों के विभाग व स्थान जिसमें इमरजेंसी, ओपीडी, लेबर रूम, रेडियोलॉजी, फार्मेसी, पोस्ट पार्टम यूनिट, जनरल एडमिनिस्ट्रेशन, पैथोलॉजी, एसएनसीयू, पीपीयू, सहायक, ब्लड बैंक, आईपीडी, बाल चिकित्सा वार्ड, एनआरसी, सामान्य प्रशासन, ऑपरेशन थिएटर समेत अन्य सुविधाओं व कामकाज को भी शामिल किया गया। साथ ही मरीजों के अधिकार, सपोर्ट सर्विस, क्वॉलिटी मैनेजमेंट समेत अन्य बिन्दुओं को भी शामिल किया गया।
ये अस्पताल कसौटी पर उतरे खरे
-ललितपुर जिला महिला चिकित्सालय
-झांसी का बरुआसागर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी)
-बाराबंकी जिला पुरुष चिकित्सालय
-अलीगढ़ का पंडित दीन दयाल जिला संयुक्त अस्पताल।
वर्जन
चिकित्सालयों में इलाज की सुविधाओं की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। उपलब्ध सुविधाएं मरीजों को कैसे बेहतर तरीके से मिल सके, इस पर फोकस है। इलाज की आधुनिक सुविधाएं, जैसे टेलीमेडिसिन से भी चिकित्सालय को जोड़ने की दिशा में प्रयास किये जा रहे हैं। विजयी अस्पतालों को दिल से बधाई। बाकी अस्पताल और मेहनत करें। सभी अस्पतालों का संकल्प मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराना है। हमें इसमें लगातार कामयाबी भी मिल रही है। इसलिए निराश होने के बजाये दोगुनी ताकत व ईमानदारी से जुट जाये। भविष्य में और ज्यादा अस्पतालों को राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय सम्मान मिलेंगे।