रबड़ बोर्ड ने रबड़ अधिनियम के 75 वर्ष पूरे होने पर प्लेटिनम जुबली समारोह मनाया। भारत में रबर बिरादरी में 538 बड़े एस्टेट, 4447 उपभोक्ता, 108 प्रोसेसर, 12 लाख छोटे उत्पादक, 8309 उत्पादक और 25 लाख से अधिक कर्मचारी शामिल हैं।
आज रबर बोर्ड की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ है, जिसने राज्य में रबर की खेती को बढ़ावा देने और विनियमित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। रबड़ बोर्ड का गठन रबड़ अधिनियम के परिणामस्वरूप हुआ था, जो आज 75 वर्ष का हो गया है। इस मील के पत्थर के लिए जश्न की शुरुआत रबर बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सावन धननिया ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए की।
ऑनलाइन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, केंद्रीय उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा सहित कई हाई-प्रोफाइल मेहमानों ने भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान अपर सचिव उद्योग अमरदीप सिंह भाटिया ने रबड़ बोर्ड मुख्यालय में एक मूर्ति का अनावरण किया।
रबर बोर्ड के कार्यकारी निदेशक एम. वसंतागेसन ने मैमन मेपिला हॉल में आयोजित प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। विनोद थॉमस द्वारा लिखित पुस्तक "रबर हिस्ट्री" भी इंडियन रबर रिसर्च सेंटर के वैज्ञानिक और एसोसिएशन ऑफ लेटेक्स प्रोड्यूसर्स ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. सतीश इब्राहिम द्वारा प्रस्तुत की गई थी। पुस्तक का विमोचन सावर धनन्या ने किया।
इस अवसर पर प्रभारी सचिव पी. डॉ. सुधा और रबड़ प्रौद्योगिकी निदेशक सीबी वर्गीज ने भी अपने विचार रखे। आयोजन के दौरान रबर बोर्ड की उपलब्धियों और राज्य के रबर उद्योग में योगदान का जश्न मनाया गया। रबर बोर्ड राज्य में रबर की खेती के लिए एक स्पष्ट दिशा प्रदान करने में सहायक रहा है और इसने उद्योग के विकास और विकास को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।