आइए हम आपको बताएं कि इलाहाबाद के छात्र लगातार मांग रहे हैं कि परीक्षाओं को केवल ऑनलाइन मोड में व्यवस्थित किया जाना चाहिए, जबकि विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से ऑफ़लाइन मोड में परीक्षा आयोजित करने का निर्णय तय किया गया है।
स्नातक द्वितीय और तृतीय वर्ष की परीक्षा 22 अप्रैल से प्रस्तावित की जाती है, जबकि परास्नातक सम सेमेस्टर की परीक्षा मई के पहले सप्ताह में होना चाहिए। ऑफलाइन परीक्षाओं के विरोध में, छात्र कई दिनों तक अकल्पनीय पर बैठे हैं।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में ऑफलाइन परीक्षाओं के विरोध में जारी आंदोलन के दौरान बृहस्पतिवार को काफी बवाल हो गया। बता दें कि विश्वविद्यालय मेन गेट के सामने ही प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने पथराव किया
तो पुलिस ने छात्रों पर लाठियां पटक कर खदेड़ दिया। बता दें भगदड़ के दौरान कुछ छात्रों को चोटिल भी हो गए। बवाल के दौरान पुलिस ने तीन छात्र नेताओं को हिरासत में लिया है।
बवाल को देख कर छात्रों ने विश्वविद्यालय में संचालित कक्षाओं को पूरी तरह से ठप कर दिया है। इस मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से भी तहरीर दी जा रही है, जिसके आधार पर पुलिस आधा दर्जन छात्र नेताओं के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज करने जा रहे है।
विश्वविद्यालय खुलने के बाद परिसर में छात्रों की भीड़ इकट्ठा हुई तो आंदोलन तेज हो गया और छात्र सुबह से ही विश्वविद्यालय के मेन गेट पर छात्र जुटने लगे। विश्वविद्यालय प्रशासन के अफसरों और पुलिस के अधिकारियों ने छात्रों को कई बार समझाने की कोशिश कीऔर उनसे कहा कि वे अपनी कक्षाओं में वापस जाएं।
छात्र नहीं माने और लगातार नारेबाजी करते रहे। इस दौरान छात्रों ने पत्थर चला दिए और हंगामा बढ़ने पर पुलिस को लाठियां पटक कर छात्रों को खदेड़ना पड़ा। कुछ विभागों में मामूली तोड़फोड़ भी की गई।
बता दें तीन छात्रों को हिरासत में ले लिया गया, जिसके विरोध में छात्रों ने विश्वविद्यालय में सभी कक्षाएं बंद करा दीं। इसके बाद भी छात्र मेन गेट पर जुटे हुए हैं और मांग कर रहे हैं कि विश्वविद्यालय प्रशासन आज ही ऑनलाइन परीक्षा कराए जाने पर कोई निर्णय ले।
पुलिस और छात्रों के बीच कई बार नोकझोंक भी हुई। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से आंदोलन को भड़काने के मामले में आधा दर्जन छात्रों के खिलाफ तहरीर दी जा रही है, जिसके आधार पर पुलिस नामजद मुकदमा दर्ज करेगी।