वित्तीय संकट के मद्देनजर केंद्र सरकार नई परियोजनाएं दे रही है। वित्त विभाग द्वारा अनुमोदित नई परियोजनाओं और उप-परियोजनाओं को इस वित्तीय वर्ष में लागू नहीं किया जाएगा। सभी मौजूदा योजनाओं का मूल्यांकन करने के बाद ही वे तय करेंगे कि क्या जारी रखा जाए। कोविद के बंद होने के बाद घोषित की गई आत्मानुभव भारत और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना पैकेजों के लिए ही रियायतें हैं। वित्त मंत्रालय ने इस पर स्पष्टीकरण जारी किया है।
वित्त मंत्रालय ने सभी मंत्रालयों को 31 मार्च तक किसी भी नई परियोजना या उप परियोजनाओं के लिए कोई प्रस्ताव नहीं भेजने को कहा है। सैद्धांतिक रूप से मंजूर की गई 500 करोड़ रुपये तक की परियोजनाओं की सूची 30 को सौंप दी जानी चाहिए। वे 31 मार्च तक बंद रहेंगे। अतिरिक्त देयता को लागू किए बिना कार्यान्वयन आगे बढ़ सकता है। 2021–22 से 2025–26 तक कार्यान्वित की जाने वाली योजनाओं को वित्तीय स्थिति के आधार पर 15 वें वित्त आयोग की सिफारिशों को अपनाने के बाद तय किया जाएगा।
वित्त विभाग ने सिफारिश की है कि गैर-आपातकालीन खर्चों को बाहर रखा जाए। सभी खर्चों को विभाग की पूर्व स्वीकृति के साथ प्राप्त किया जाना चाहिए।
आत्मानंभर के हिस्से के रूप में घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज पर सरकार को 2 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च आएगा। बाकी बजट का नाम और आकार बदल दिया गया है। सरकार आर्थिक मंदी से लड़ने के लिए लोगों के हाथों में और अधिक धन की मांग की ओर मुड़ रही है।